भ्रष्टाचार पर लगाम

 भ्रष्टाचार पर लगाम


भारत में व्यवस्थागत कमजोरियाँ प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से भ्र्ष्टाचार रूपी राक्षस को सशक्त बनाने में अनुकूल एवं उपयोगी माध्यम के रूप में स्थापित हो चुकी है। भारतीय राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक इन कमजोरियों का अपने अनैतिक आर्थिक हितों के संवर्धन के लिए उपयोग अपने पूर्ण सामर्थ्य से कर रहे हैं साथ ही साथ ईमानदार बनने का ढोंग भी रच रहे हैं। भ्र्ष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है व्यवस्थागत त्रुटियों  कमजोरियों को इंगित कर उन्हें दूर किया जाए एवं शासन की स्वथ्य मान्यताओं एवं परम्पराओं के अनुकूल उनके स्वरूप की पुनर्स्थापना की जाए। भ्र्ष्टाचार भारत की एक सर्वव्यापी समस्या बन कर रह गया है। भारत को भ्र्ष्टाचार मुक्त करने के लिए प्रत्येक भारतवासी को अपने नैतिक स्वरूप में परिवर्तन का राष्ट्रव्यापी संकल्प लेना होगा और व्यापक जन जागृति एवं  भ्र्ष्टाचार की अवधारणा से जन - जन को अवगत कराना होगा तथा तपस्वियों की भांति इस भ्र्ष्टाचार रूपी कालिख को देश से मिटाना होगा। 


सरिता प्रसाद

पटना बिहार