Tuesday, 31 October 2017

श्रीमती इन्दिरा गाँधी

श्रीमती इंदिरा गाँधी
वो फौलादी इरादे,
वो देश के निमित्त,  
सर्वस्व न्योछावर कर, 
अपने देश के स्वाभिमान के,
रक्षक बनकर,
हर महत्वपूर्ण निर्णय लेकर,
देश हित कर्तव्यनिष्ठ,
हर सवाल का सटीक जबाब देकर,
हर तूफानों के आगे,
अडिग रहकर अपने,
मजबूत इरादे और,
लबालब हिम्मत के बल पर,
टूटकर परिस्थितियों के आगे,
फिर से खड़ा होना मजबूत बनकर,
वो भरपूर साहस और विश्वास,
के आधार पर फिर से,
जीत का परचम लहराना।  
जिसने अपना सर्वस्व न्योछावर कर,
देश के मस्तक को कभी,
किसी और के आगे झुकने न दिया,
वही तो थी हमारी,
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री।

-सरिता प्रसाद-  

Friday, 27 October 2017

प्यार और एकता का प्रतीक छठ वर्त

प्यार और एकता काप्रतीक छठ पर्व

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रिश्तों के सुगंधों से सुगंधित,
प्यार के रसों से सराबोर ,
एकता के अद्भुत डोर मे बंधा,
ईश्वरिए कृपा से ओत – प्रोत,
आस्था और भक्ति में लीन,
एक विशाल जन समुदाय,
आखिर कहाँ जा रहा है?
क्या कोई हीरा मोती,
या कोई धन संपदा,
प्राप्त करने जा रहा है।
नहीं – नहीं कुछ भी नहीं,
यह तो सूर्य देव की अद्भुत शक्ति है,
जो पहली किरण के रूप में,
एक विशाल जन समुदाय को,
अपनी ओर खिंच रहा है।
प्यार और एकता के डोर में बंधे,
त्रिदिवसीय उपासक इश्वरिए भक्ति में लीन,
प्रभु कि एक कृपा एक दरश पाने हेतु,
एक विशाल जन समुदाय गंगा तट पर,
अस्ताचलगामी उदयगामी सूर्य के अद्भुत दर्शन कर,
छठ माता स्वरूप ईश्वर को अर्घ्य चढ़ाने जा रहा है।
उस महान प्रभु के कृपा से कृत –कृत होकर
एक विशाल जन समुदाय प्रेम और एकता के प्रतीक,
इस महान शुद्ध सात्विक त्योहार पर अपने परिवार,
के शुभ कामनाओं के साथ सारे भेद - भाव छोड़कर
प्रेम और एकता के डोर मे बंधने जा रहा है ।

सरिता प्रसाद