आशा
की किरण:
निराश
न करना इनको
तुझसे
बहुत आश लगाए बैठे है
जले
हुए है परिस्थितियों के
जुझते
चले आ रहे हैं।
बेवफाइयों
के जहर पीकर
किसी
प्रकार ज़िंदा है ये
तु
ही आशा की किरण हो
तुझ
पर ही आश लगाए बैठे हैं।
चिराग
जला दो अँधियारों मे
दूर
भगा दो अँधियारों को
सिसकती
साँसो को राहत दे दो
बैठे
हो सरताज लगाए हुए
बहुत
जिम्मेदारियाँ निभानी है
तुझे
देश
की नईया मझधार में है
इसे
बचाकर पार लगानी है तुझे
अँधियारों
को दूर कर उजियारा लानी है
तुझे
इस
देश को बचानी है तुझे
ताज
की लाज निभानी है तुझे ।
सरिता
प्रसाद
04-02-2017
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