Monday 1 October 2018
सरितप्रवाह कृति: बापू
सरितप्रवाह कृति: बापू: बापू एक अद्भुत पथ प्रवर्तक अहिंसा के पथिक अकल्पनीय चिंतक जो मानव मात्र के लिए समर्पित कड़क रूढ़िवादी आधुनिकता ...
बापू
बापू
एक अद्भुत पथ
प्रवर्तक
अहिंसा के पथिक
अकल्पनीय चिंतक
जो मानव मात्र के
लिए समर्पित
कड़क रूढ़िवादी
आधुनिकता से परे
संघर्षशील
व्यक्तित्व
अहिंसा का पथ
प्रदर्शक
जीसस,बुद्ध,कार्लमार्क्स की तरह
एकजुट हो जीना
सिखाया
प्रथम गाँधी
राजनीतिज्ञ गाँधी
ब्रिटिश शासन के
विरुद्ध
अहिंसा के बल पर
लड़ना सिखलाया
जिसके कारण वो
महानपुरुष
राष्ट्र पिता बापू
कहलाए
द्वितीय गाँधी
आश्रमिक बनकर
रहस्यवादी राजनीति
सिखलाया
उपवास नियम अपनाकर
संघर्षशील होना
सिखलाया
अपने अद्भुत कृत्य
के कारण
वो महान आत्मा
कहलाए
अद्भुत सत्यवादी
बनकर
वो,
सत्याग्रही कहलाए
जीवन का सत्य यही
अध्यात्म अनुभव
बिन कुछ भी नहीं
संघर्ष विहीन किसी
भी
असत्य और अन्याय
को
मात देना संभव
नहीं
संवादात्मक चिंतक
सोच जिसकी क्षितिज
के परे थी
ईश्वरीय पथ के
प्रति विशेषाधिकार का
वो अक्सर विरोधी
रहे
आजादी का मतलब
क्या है
अच्छी तरह समझते
जो
न संवैधानिकता का
अधिकार
स्वतंत्र रूप से
सामान्य मानवता का
अधिकार दिलाना
सिखलाया
विश्व मे गाँधी के
विचारों का
आज भी कई प्रशंसक
है
नैतिक सामाजिक
राजनीतिक
पुननिर्माण बड़ा ही
प्रासंगिक था
मानविक रूप से
स्वपरिवर्तन ही
उनका मोहक सपना था
नैतिक दृष्टिकोण
के बिना
असंभव स्वतन्त्रता
है
गाँधीजी के रूप मे
उनका
जीवन एक संदेश है
विस्तृत किया हो
जिन्होने
अक्सर अपनी कोशिश
को
सत्याग्रह के रूप
में जिसने
गति दिया हर जीवन
को
कम समय के
आध्यात्मिक नेता ने
ऐसा चमत्कार कर
दिखलाया
अंततोगत्वा अहिंसा
के बल पर
भारत को
स्वतन्त्रता दिलवाया
सरिता
प्रसाद
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