Monday 13 December 2021

श्रीमद्भागवत गीता श्लोक सँ-9

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भ्रष्टाचार पर लगाम

 भ्रष्टाचार पर लगाम


भारत में व्यवस्थागत कमजोरियाँ प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से भ्र्ष्टाचार रूपी राक्षस को सशक्त बनाने में अनुकूल एवं उपयोगी माध्यम के रूप में स्थापित हो चुकी है। भारतीय राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक इन कमजोरियों का अपने अनैतिक आर्थिक हितों के संवर्धन के लिए उपयोग अपने पूर्ण सामर्थ्य से कर रहे हैं साथ ही साथ ईमानदार बनने का ढोंग भी रच रहे हैं। भ्र्ष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है व्यवस्थागत त्रुटियों  कमजोरियों को इंगित कर उन्हें दूर किया जाए एवं शासन की स्वथ्य मान्यताओं एवं परम्पराओं के अनुकूल उनके स्वरूप की पुनर्स्थापना की जाए। भ्र्ष्टाचार भारत की एक सर्वव्यापी समस्या बन कर रह गया है। भारत को भ्र्ष्टाचार मुक्त करने के लिए प्रत्येक भारतवासी को अपने नैतिक स्वरूप में परिवर्तन का राष्ट्रव्यापी संकल्प लेना होगा और व्यापक जन जागृति एवं  भ्र्ष्टाचार की अवधारणा से जन - जन को अवगत कराना होगा तथा तपस्वियों की भांति इस भ्र्ष्टाचार रूपी कालिख को देश से मिटाना होगा। 


सरिता प्रसाद

पटना बिहार


Friday 29 October 2021

कल गाँधीजी आए थे मेरे सपने में

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Saturday 3 July 2021

श्वांस

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Sunday 16 May 2021

सेंट्रल विस्टा परियोजना पर बाद में भी काम हो सकता है।




 देश अपूर्व मानवीय संकट का सामना कर रहा है। ऐसे समय में सरकार को इस संकट से उबरने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देनी चाहिए। व्यर्थ की चीजों पर खर्च न कर हमें इस संकट से उबरने के लिए पैसा खर्च करना चाहिए। विस्टा परियोजना कुछ समय बाद शुरू की जा सकती है।


- सरिता प्रसाद

झड़ते रत्न मुकुट के



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Thursday 4 March 2021

NEET EXAM पर आधारित कविता ” नाइंसाफी क्यों? "


नाइंसाफी क्यों?

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इतनी भी नाइंसाफी क्यों

औरों के संग इंसाफ

उन संग ऐसी बेरुखी क्यों

इतनी भी नाइंसाफी क्यों


इस कदर दो नज़र करना

किसी को पूर्ण अवसर देना

किसी को तिरस्कृत करना क्यों

इतनी भी नाइंसाफी क्यों


परिस्थितियाँ सभी के लिए एक सी हैं

परन्तु किसी के लिए सहानुभूति

किसी के लिए यूँ बंदिशें क्यों

इतनी भी नाइंसाफी क्यों,

समय का महत्व सभी के लिए है

समय का सदुपयोग सभी के लिए है

किसी के लिए अविलंब तो किसी के लिए विलंब क्यों

इतनी भी नाइंसाफी क्यों


संक्रमण किसी को पहचानकर नहीं फैलता है

कोरोना काल की समस्या सभी के लिए है 

किसी विशेष वर्ग समूह के लिए नहीं वो

इतनी भी नाइंसाफी क्यों


जहाँ करियर की सफलता कुछ मिनटों पर निर्भर हो

एक जन समूह की निर्भरता कुछ मिनटों पर हो

परिस्थितियाँ इन्हें भी तनावग्रस्त कर जाती हैं जो

इतनी भी नाइंसाफी क्यों


मोहलत की आवश्यकता सभी को है

कुछ विशेष जन समूह के लिए ही क्यों

वक्त इंसाफ का है

आखिर उन संग ऐसी नजरअंदाजी क्यों

इतनी भी नाइंसाफी क्यों


व्यवस्था सभी के लिए समान हो अनिवार्य है

किसी एक वर्ग समूह के लिए ही नहीं है

ऐसी विषम परिस्थिति पर अवसर की जरूरत है सभी को

इतनी भी नाइंसाफी क्यों


सीमित समय पर सही व्यवस्था

जरूरत की पूर्ति हो यही समय की है आवश्यकता

आखिर इसमें कोताही क्यों

इतनी भी नाइंसाफी क्यों


– सरिता प्रसाद