Friday 1 March 2019
सरितप्रवाह कृति: वीर जवान
सरितप्रवाह कृति: वीर जवान: वीर जवान तुझ से ही है धरती अपनी तुझसे अपनी देश की शान ऐ मेरे भारत के वीर जवान जहाँ – जहाँ से तू गुजरता मिट्टी छू तुझे चन्दन बनत...
वीर जवान
वीर जवान
तुझ से ही है धरती अपनी
तुझसे अपनी देश की शान
ऐ मेरे भारत के वीर जवान
जहाँ – जहाँ से तू गुजरता
मिट्टी छू तुझे चन्दन बनता
तेरी ख्याति है महान
ऐ मेरे भारत के जवान
जो तू है तो लग न सकेगी
माँ के दामन पर कभी दाग
गुलामी की जंजीरे भी
कर न सकेगी हमपर राज
तू ही हमारा सरताज
माँ भारती तुझे देख इतराएँ
देख के तुझको बली -बली
जाएँ
तू ही मेरे देश की शान
ऐ मेरे भारत के वीर जवान
शान से सदा बढती रहना
दुश्मनों का सिर कलम करना
नोच लेना उन निगाहों को
जो दे देश पर बुरी नजर डाल
तू चले तो अंबर झुक जाता
धरती का सीना थर्राता
गर्जनाएँ सुन कर बंदूकों
की
दुश्मन जाए भाग
ऐ मेरे भारत के लाल
देख तुझको मस्तक ऊंचा हो
जाता
गर्व से सीना तन - तन जाता
तू है भारत की शान
इस तिरंगे की जान
ऐ मेरे भारत के वीर जवान
तुझ से ही है धरती अपनी
तुझ से अपनी देश की शान
ऐ मेरे भारत के वीर जवान
सरिता प्रसाद
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