इलेक्शन
आज हमारे देश का,
फिर से माहौल
गरमाया है
क्योंकि इलेक्शन
आया है
छुपकर बैठा था जो
म्यानों मे
निकलकर बाहर आया
है,
धूल पड़ी थी जिन
वादों पर।
झाड़ पोछ चमकाया है
फिर से इलेक्शन
आया है
कसमों वादों की
लड़ी लगी है
नए- नए लोलुपों से
सारा बाजार ही छाया
है
उसी राज्य में
उन्होने अपना घर बनाया है
आज वही इलेक्शन
आया है
पार्टियों ने एक
दूसरे पर
शब्दों के बाण
चलाया है
हर जीत के
रणनीतियों ने
सबका मन भरमाया है
आज फिर से इलेक्शन
आया है
जनता बेचारी
परेशान है
इनके मतलबी इरादों
से
किस पर विश्वास,अविश्वास
करे यह
बड़ा ही असमंजस
छाया है
देखो फिर से
इलेक्शन आया है
सरिता प्रसाद
वाहःह
ReplyDeleteExcellent
ReplyDeleteविडम्बना है बहुत बड़ी ... किस तेज़ी से राजनीतिज्ञों ने विश्वास खोया है ... सब धोखा लगता है कई बार ...
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