Friday 14 September 2018

हिन्दी दिवस


हिन्दी दिवस
हिन्दी ही हमारा आधार है
इसमे ही है छुपा हुआ
संस्कृति और संस्कार है
भले ही पाश्चात देशों ने
जाते – जाते हम पर भी
छाप छोड़ गए है अपनी
पूर्ण रुपेण हावी होने को
जो अब भी तैयार है
परंतु हमे अपने अस्तित्व को
यूँ ही नही खोना होगा
इसे बचाए, रखने को
अथक प्रयास करना होगा
हिन्दी भाषा आज भी कई क्षेत्रों में
दिखा रही है अपनी प्राथमिकता
मातृभाषा का यह महत्व देख
सचमुच मन हर्षाता है
हमें अपनी पहचान को यूँ ही
धूमिल नही होने देना होगा
बल्कि इसके प्रचार प्रसार में
अद्भुत योगदान देना होगा
इसे प्रफुल्लित प्रोत्साहित करने को
अथक प्रयास करना होगा
सरिता प्रसाद

2 comments:

  1. अथक प्रयास तो करना ही होगा
    हिन्दी देश में हिन्दी का वो मान नहीं है जो उसे मिलना चाहिए
    उम्दा प्रस्तुति

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  2. मातृभाषा के महत्व से संबंधित यह कविता निःसंदेह सराहनीय है

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