Saturday 17 March 2018

नारी

नारी

सृष्टि का आधार तत्व जो
ममत्व का भंडार है जो
उत्पति का मूल तत्व जो
आधा है वो है पूरक
सृष्टि के संरचना का
जिसके छत्रछांव में फलता-फूलता
विश्व का है हर एक परिवार
बिन इसके सृष्टि का अस्तित्व नही
न ही इसके है संसार
हरे - भरे बगिया के फूल जो
वन उपवन का सुगंध है जो
शक्ति स्वरूपा दुर्गा काली
सरस्वती लक्ष्मी का स्वरूप
ममतामई जननी है जो
भिन्न - भिन्न है इसके स्वरूप
कहीं संगिनी कहीं सलाहकार
कहीं मित्रवत इसके रूप
मूल शक्ति है मूल तत्व जो
सृष्टि के संतुलन का
त्यागशील संतोष सहिष्णुता
संयम सृजनशील स्नेहमई
इन शब्दों की सार्थकता जिससे
यही नारी का है मूल स्वरूप
नमन ईश्वरीय संरचना को
सृष्टि का है जो आधारभूत

सरिता प्रसाद

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