जीत
खेल कर धुंवाधार
जड़ कर चौके छक्के
पहुँचा दिया जीत के मुकाम पर
रह गए सभी हक्के –बक्के
चल यूँ ही चला चल
बनकर प्रतिस्पर्धी देश का
करता रह सीना चौरा
तू अपने भारत देश का
न पिछड़ेगा कभी भारत हमारा
भले ही लड़खड़ा जाए कभी
गिरकर संभलना सीखा है इसने
हर बिषम परिस्थितियों मे
जीत का परचम लाहड़ाता रहेगा
मान देश का बढ़ाता रहेगा
सरिता प्रसाद
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