स्वतंत्रता दिवस
आज धरती पर छाई
हरियाली है
और अम्बर हुआ है
केसरिया
श्वेत रंग हर
दिल में बसा है
आई शुभ घड़ी आई
आओ स्वतंत्रता
दिवस मनाएँ
प्राणों से
प्यारा तिरंगा फहराए
भुलकर भेद भाव को हम सब
समय चक्र में लिपटा भारत
उथल – पुथल को झेल रहा है
फिर भी कैसे संभल – संभलकर
हर पग – पग पर, चल रहा है
अद्भुत देश, वासी है अद्भुत
सब्र बाँध को न खोकर यह
फुक – फुक कर कदम – कदम पर
अडिग खड़ा है यह स्व पथ पर
बाँधकर, मुट्ठी एकत्व का
अपने भारत को जोड़े खड़ा है
सदा रहना यूँ ही अविचल तू
तूफानों से मत घबड़ाना
उथल – पुथल से मत डर जाना
कभी किसी बहकावे में आकर
अपनी हस्ती को नहीं मिटाना
दिखाकर ताकत, अपनी एकता का
दुर्जनों को धूल चटाना
आई देखो शुभ घड़ी है आई
भुलकर सारे गिले – शिकवे को
देश भक्ति के रंग, रंग जाएँ
मिलजुल कर सब प्रेम भाव से
राष्ट्रीय पर्व का जश्न मनाएँ
क्योंकि
आज धरती पर
छाई हरियाली है
और अम्बर
हुआ है केसरिया
श्वेत रंग
हर दिल में बसा है
आई शुभ घड़ी
आई
आओ
स्वतंत्रता दिवस मनाएँ
आँखों का
तारा तिरंगा लहराएँ
सरिता प्रसाद
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